...

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अंत अंत और सिर्फ अंत
#WritcoPoemChallenge

अंत अंत और सिर्फ अंत लिखा जा रहा
प्रकृति का हमारे द्वारा
हमारा प्रकृति के द्वारा

ना बख्शा तुमने माँ की छवि को
ना बख्शा तुमने माँ की छाया को
कुछ करम करके अच्छे अब तो
सुखी कर दो इस माँ की काया को

ना जाने किस हैवानियतता का पाठ पढ़ाया जा रहा
अंत अंत और बस अंत लिखा जा रहा

छीनी जा रही जिदंगीयाँ यहाँ पर
छीनी जा रही बंदगीयाँ यहाँ पर
हर तरफ दबदबा तुम्हारा फैलाया जा रहा
अंत अंत और बस अंत लिखा जा रहा

तुम छीन रहे हो उसके बच्चे उससे
ये भूल रहे हो तुम छीन रहे बच्चे अपनी ही माँ के
जानबूझकर मुश्किलो को बढ़ाया जा रहा
अंत अंत और बस अंत लिखा जा रहा

बडे-बडे बनाये हैं project तुमने
पहुंचाई है धरती माँ को कई दफा चोट तुमने
तुमने ढ़ाई है कयामत उसपे
ये भूल रहे हो ये कयामत आ रही लौटकर तुमपे
जाने अनजाने उसको रुलाया जा रहा
अंत अंत और बस अंत लिखा जा रहा

धरा रह जायेगा ये Nuclear bomb
धरी रह जायेगी ये सारी Technology तुम्हारी
जिस दिन ये प्रकृति अपनी तकनीकी पे आ गई
धरी रह जायेगी ये lifestyle तुम्हारी
Space में भी झंडा फहराया जा रहा
अंत अंत और बस अंत लिखा जा रहा

अंत अंत और सिर्फ अंत लिखा जा रहा
प्रकृति का हमारे द्वारा
हमारा प्रकृति के द्वारा