...

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लम्हें
गुज़रे हुए लम्हों ने मुझे सिखाया है
झूठ का मुंह तो मीठा है
तभी हमारा हर शब्द तीखा है
इसलिए हम ऐसे हैं क्यूंकि
सच बोल कर भी हर दिन दर्द में बीता है

गुज़रे हुए लम्हों ने माना है
छोड़ देंगे मुझे सभी
थोड़ी देर में बात करता हूं ये तो सब बहाना है
सभी चेहरा बदलते हैं
मैने भी इस सच को जाना है

वक्त ने मुझे बताया है
जिसे चाहती हूं मैं
जिसे चाहती हूं मैं वो तो बस माया है
आज तुझ पे है
तो कल किसी और पे ये फितूर छाया है
थोड़ी देर इंतजार किया तो
जिंदगी में ये भी सच पाया है

बदलते है ज्यों दिन रात
बदल गए सब अपने मेरे
वक्त से पूछा तो बताता है
यही है सभी के असली चेहरे
जिनके लिए तू रोती है
उनकी खुशी किसी और में होती है

भुला दिया मैने सब को
याद मैंने भी वही रखा जो काम आए मेरे
जिनको हम बदला हुए कहते थे
आज वो मेरा भी यही नाम है लेते




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