लम्हें
गुज़रे हुए लम्हों ने मुझे सिखाया है
झूठ का मुंह तो मीठा है
तभी हमारा हर शब्द तीखा है
इसलिए हम ऐसे हैं क्यूंकि
सच बोल कर भी हर दिन दर्द में बीता है
गुज़रे हुए लम्हों ने माना है
छोड़ देंगे मुझे सभी
थोड़ी देर में बात करता हूं ये तो सब बहाना है
सभी चेहरा बदलते हैं
मैने भी इस सच को जाना है
...
झूठ का मुंह तो मीठा है
तभी हमारा हर शब्द तीखा है
इसलिए हम ऐसे हैं क्यूंकि
सच बोल कर भी हर दिन दर्द में बीता है
गुज़रे हुए लम्हों ने माना है
छोड़ देंगे मुझे सभी
थोड़ी देर में बात करता हूं ये तो सब बहाना है
सभी चेहरा बदलते हैं
मैने भी इस सच को जाना है
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