बेकसूर
बेकसूर ........
जितनी बार तुम ने मुझे सोचा होगा ,
उतनी बार तुम ने खुद को मुझ में देखा होगा ,,
आईना भी उस दिन तुम से रुठ जायेगा ,
जिस दिन तुम्हारे चेहरे से मेरी नजर हट जायेगी ,,
इश्क़ में तो गुनाहगार बेगुनाह होता ,
इल्ज़ाम तो खुशनसीब बालों के नाम होते हैं ,,
Rakesh Sharma
© All Rights Reserved
जितनी बार तुम ने मुझे सोचा होगा ,
उतनी बार तुम ने खुद को मुझ में देखा होगा ,,
आईना भी उस दिन तुम से रुठ जायेगा ,
जिस दिन तुम्हारे चेहरे से मेरी नजर हट जायेगी ,,
इश्क़ में तो गुनाहगार बेगुनाह होता ,
इल्ज़ाम तो खुशनसीब बालों के नाम होते हैं ,,
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