मौन समर्पण
मेरे मौन समर्पण को
मेरी कमज़ोरी मत कहना
मैं आज के युग की नारी हूँ
कल की अबला मत समझना
न रुकना है ना थकना है
निरंतर चलते रहना है
मेरे किसी पड़ाव को
मेरा...
मेरी कमज़ोरी मत कहना
मैं आज के युग की नारी हूँ
कल की अबला मत समझना
न रुकना है ना थकना है
निरंतर चलते रहना है
मेरे किसी पड़ाव को
मेरा...