आग और वो
मै वो आग नहीं जो बूझ जाऊं
मै वो साँस नहीं जो रुक जाऊं
शंखनाद हूँ उस युद्ध का जो
सांस में बहता है
पल पल जो टीस बनके हृदय में रहता है
जीवन जो मांगे दान मै देता हूँ
जो चाहे प्राण मिटाना में उसके हर लेता हूँ
© Nekochei
मै वो साँस नहीं जो रुक जाऊं
शंखनाद हूँ उस युद्ध का जो
सांस में बहता है
पल पल जो टीस बनके हृदय में रहता है
जीवन जो मांगे दान मै देता हूँ
जो चाहे प्राण मिटाना में उसके हर लेता हूँ
© Nekochei