देखते हैं।।।।
देखते हैं
तेरे आंखो से छलकते सागर को
देखते हैं
तेरे चेहरे की धूमिल होती चमक को
देखते हैं
तेरे होठों की ज़र ज़र सी पपड़ी
देखते हैं
तेरे सिले होठों के पीछे के शोर को...
तेरे आंखो से छलकते सागर को
देखते हैं
तेरे चेहरे की धूमिल होती चमक को
देखते हैं
तेरे होठों की ज़र ज़र सी पपड़ी
देखते हैं
तेरे सिले होठों के पीछे के शोर को...