ज़िन्दगी का खेल
यह ज़िन्दगी मुझे कभी कभी,
चौसर का खेल लगती है।
जाने कब बाज़ी पलट देते हैं,
हँसी खुशी और ग़म के मोहरे।
सीधी टेढ़ी चालें चलकर,
वक़्त बदलता हालातों के...
चौसर का खेल लगती है।
जाने कब बाज़ी पलट देते हैं,
हँसी खुशी और ग़म के मोहरे।
सीधी टेढ़ी चालें चलकर,
वक़्त बदलता हालातों के...