मन की गलियाँ..
मन की गलियाँ आज फ़िर से तंग हैं
एक बार फ़िर मेरी मुझसे ही जंग है
सवाल दागे गए अनगिनत
जवाब मुझमें ही बंद हैं..
साबित करना अब किस को
चल तू सही.. नहीं मुझे ग़म है
रोज़ की ये किचकिच...
एक बार फ़िर मेरी मुझसे ही जंग है
सवाल दागे गए अनगिनत
जवाब मुझमें ही बंद हैं..
साबित करना अब किस को
चल तू सही.. नहीं मुझे ग़म है
रोज़ की ये किचकिच...