एहसास
परिंदे की तरह आये थे हमारी जिंदगी में,
और दरिंदा बना कर चले गये,,
चाहत तो अभी भी है तुम्हारे दिल में,,
हमारी कद्र भले ही ना करो ,
पर आसूँओ में भी मुझे बहा नही पाओगे
किसी के सामने जिक्र भी नहीं कर पाओगे,...
और दरिंदा बना कर चले गये,,
चाहत तो अभी भी है तुम्हारे दिल में,,
हमारी कद्र भले ही ना करो ,
पर आसूँओ में भी मुझे बहा नही पाओगे
किसी के सामने जिक्र भी नहीं कर पाओगे,...