...

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ashiq ka pyar kavi ki kalpna















किस्सा कहूं चांदनी रात का
मोहब्बत भरे दिल के जज्बात का
खिली हुई थी चांद की चांदनी
रात गा रही मधुर रागिनी
ए चांद ना निकला कर कमबकत
यू खिल के याद आता है कोई अपना तेरी
सूरत देख के
ए चांद है तू बड़ा खुशनसीब
साथ...