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मुस्कान


शृंगार रस पर आधारित रचना 🌷💕

मेरे अधरों की प्यारी मुस्कान हो गये
सूखी रेत पर नमी सी पहचान हो गये
काला टीका लगाकर चूमी जो अँखियाँ
बन्द अँखियन में सारे ही वन्दन हो गये ।।

मेरे अधरों की प्यारी मुस्कान हो गये …..

मेरी मौन अभिलाषा के सार हो गये
साँसों की माला पे स्वाधिकार हो गए
व्याकुल नैन,बोझिल अँखियाँ,पलक नम
स्वप्न भरे नैनन के ,तुम संस्कार हो गये...