गुमनाम रात की सुबह
मेरी इस बेपाक मुहब्बत की..
चश्मदीद गवाह है वो..।।
जितने भी ज़ख्म दिए है मुझे दुनिया ने..
उन सभी ज़ख्मों की इकलौती दवा है वो..।।
...
चश्मदीद गवाह है वो..।।
जितने भी ज़ख्म दिए है मुझे दुनिया ने..
उन सभी ज़ख्मों की इकलौती दवा है वो..।।
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