...

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🖤.... ए जिंदगी....🖤
जो कभी देखा करती थीं ख़्वाब बड़े ,
आंखें वो अब सहम सी गई हैं ।
ख्वाइशों की नाव को चलाती थीं जो ,
लहरें वो अब ठहर सी गई हैं ।

जो कभी आती थी यूं बेवजह ही ,
हंसी वो अब नाराज़ हो गई है ।
दिल में गमों के बोझ को देखकर ,
मुस्कुराहट भी उदास हो गई है ।

चाहा करता था दिल कभी खुलकर जीना,
पर शायद हर चाहत पूरी नहीं होती ।
लिखेंगे हम फिरसे एक नई कहानी, सुना है
हर कहानी अधूरी नहीं होती ।

अंधेरे की परछाई छाई हुई है पर ,
अभी रोशनी का आना बाकी है ।
किसी से क्या ही उम्मीद रखना ,
उस रब का सहारा काफी है ।

सुना है देर से ही सही , सुनता है रब ,
बस इसी आस में जिंदगी को जिए जा रहे हैं ।
हमे भले ही तूने बेवफ़ाई से नवाजा हो ,
पर ए जिंदगी , हम तो वफा किए जा रहे हैं।

हर कोशिश को सराह तू ए जिंदगी ,
हर मोड़ पर राह दिखा तू ए जिंदगी ।
चाहा है हमने तुझे जिस शिद्धत से ,
तू भी उसी शिद्धत से हमे चाह ए जिंदगी।



© minisoni