...

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शिकायत है मुझे खुदसे।
हर दिन मुझे शिकायत रहती है
मुझे खुदसे।
कभी किसी के हसीं के वजह नहीं
बन पाई, पर आंसुओं के वजह
जरुर बन गई।
कभी किसी रिश्ते को सुकून नहीं
दे पाईं, पर दुःख के कारण बन गई।
ना कभी एक अच्छी बेटी बन पाई,
ना कभी एक अच्छी बहन बन पाई,
और ना ही कभी रिश्तों की अहमियत
को समझ पाईं।
पर अफसोस बन पाई तो दुनिया
की सबसे बूरी इंसान।
कभी किसी के चेहरे पर मुस्कान
नहीं ला पाईं, पर दुःखों का सौगात
ढेर सारा दे दिया।
बुरे कर्म ही तो है मेरे जो हर
वक्त तकलीफ देती हैं मुझे।
मुझे मेरे अपनों से ढेर सारा प्यार
मिला, पर बदलें में खुशी के एक
पल भी ना दे पाईं अपनों को।
हर दिन शिकायत रहती है मुझे
खुदसे।,

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