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शीर्षक- गौरा संग शिव।
शीर्षक - गौरा संग शिव।
झूम रही प्रकृति झूम रहा अंबर देखो।
दृश्य यहाँ-वहाँ जहाँ-तहाँ सुंदर देखो।
दिवस ही कुछ ख़ास इतना आज का,
खुशियों की पवन बहती घर-घर देखो।
पुष्पों की बरसा डमरूओं की नाद,
देवलोकि देखे जी भर-भरकर देखो।
बराती नन्दी भूत-प्रेत सर्फ़ सम्बंधी,
ब्रह्मा विष्णु इंद्र आए उतरकर देखो।
महाशिवरात्रि का अद्भुत महाकाल,
गौरा परिवार देखे डर-डरकर देखो।
कहीं नाचे अघोरी कहीं बजाए ढ़ोल,
सुर-असुर इधर-उधर जिधर देखो।
महान गाथा गौरा संग शिव का नाता,
बंधकर विवाह गाँठ प्रेम अमर देखो।
चन्द्रमा की लालिमा उतारती आरती,
पार्वती संग मंडप में बैठे शंकर देखो।
लो ठान करो प्रेम तो करो निष्ठावान।
प्रेम की पवित्रता सदा पढ़कर देखो।
नहीं प्रेम बिना कुछ भी इस जग में,
सबकुछ केवल प्रेम के अंदर देखो।
©Musickingrk
झूम रही प्रकृति झूम रहा अंबर देखो।
दृश्य यहाँ-वहाँ जहाँ-तहाँ सुंदर देखो।
दिवस ही कुछ ख़ास इतना आज का,
खुशियों की पवन बहती घर-घर देखो।
पुष्पों की बरसा डमरूओं की नाद,
देवलोकि देखे जी भर-भरकर देखो।
बराती नन्दी भूत-प्रेत सर्फ़ सम्बंधी,
ब्रह्मा विष्णु इंद्र आए उतरकर देखो।
महाशिवरात्रि का अद्भुत महाकाल,
गौरा परिवार देखे डर-डरकर देखो।
कहीं नाचे अघोरी कहीं बजाए ढ़ोल,
सुर-असुर इधर-उधर जिधर देखो।
महान गाथा गौरा संग शिव का नाता,
बंधकर विवाह गाँठ प्रेम अमर देखो।
चन्द्रमा की लालिमा उतारती आरती,
पार्वती संग मंडप में बैठे शंकर देखो।
लो ठान करो प्रेम तो करो निष्ठावान।
प्रेम की पवित्रता सदा पढ़कर देखो।
नहीं प्रेम बिना कुछ भी इस जग में,
सबकुछ केवल प्रेम के अंदर देखो।
©Musickingrk
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