शीर्षक- गौरा संग शिव।
शीर्षक - गौरा संग शिव।
झूम रही प्रकृति झूम रहा अंबर देखो।
दृश्य यहाँ-वहाँ जहाँ-तहाँ सुंदर देखो।
दिवस ही कुछ ख़ास इतना आज का,
खुशियों की पवन बहती घर-घर देखो।
पुष्पों की बरसा डमरूओं की नाद,
देवलोकि देखे जी भर-भरकर देखो।
बराती नन्दी भूत-प्रेत सर्फ़ सम्बंधी,
ब्रह्मा विष्णु इंद्र...
झूम रही प्रकृति झूम रहा अंबर देखो।
दृश्य यहाँ-वहाँ जहाँ-तहाँ सुंदर देखो।
दिवस ही कुछ ख़ास इतना आज का,
खुशियों की पवन बहती घर-घर देखो।
पुष्पों की बरसा डमरूओं की नाद,
देवलोकि देखे जी भर-भरकर देखो।
बराती नन्दी भूत-प्रेत सर्फ़ सम्बंधी,
ब्रह्मा विष्णु इंद्र...