तेरी याद
इक याद तेरी आती है
और दर्द बढ़ जाता है
तुझे ये हरे ज़ख्म नहीं दिखते
यादों के दर्द के,कड़वे काढ़े हम कबतक,कैसे पिएं
और उसपे खुशियों का मरहम कैसे लगाएं!
बहुत हुआ लुका - छिपी
ख़्वाबों में तेरा यूं बेवक्त,बेपर्दा आना
छेड़ना दिल के कोमल तारों को
और प्रणय गीत नहीं गाना
बोलो तेरी यादों के इन भींगे मौसम में
इन सांसों की सरगम की सितार
बिन तेरे हम कैसे...
और दर्द बढ़ जाता है
तुझे ये हरे ज़ख्म नहीं दिखते
यादों के दर्द के,कड़वे काढ़े हम कबतक,कैसे पिएं
और उसपे खुशियों का मरहम कैसे लगाएं!
बहुत हुआ लुका - छिपी
ख़्वाबों में तेरा यूं बेवक्त,बेपर्दा आना
छेड़ना दिल के कोमल तारों को
और प्रणय गीत नहीं गाना
बोलो तेरी यादों के इन भींगे मौसम में
इन सांसों की सरगम की सितार
बिन तेरे हम कैसे...