चार जून
#जून
चार जून की बात है!
उसमें भी कुछ घात है!
कोई अनजान बनकर आया था !
अपना बनना कर छोड़ गया था !
साहरा देने वो आया मुझे!
बेसहारा...
चार जून की बात है!
उसमें भी कुछ घात है!
कोई अनजान बनकर आया था !
अपना बनना कर छोड़ गया था !
साहरा देने वो आया मुझे!
बेसहारा...