...

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यादें
बारिश में भीग कर
ही तो जाना
कितने भीगे हैं तुम्हारी यादो की
बारिश में हम

भीग कर मोहब्बत में मेहबूब के
ही तो जाना
कितने अहसासों का सैलाब लिए
हुए हैं हम

बारिश की बूंदो को लेकर तन पे
ही तो जाना
तुम्हारी मोहब्बत के सुरूर में ही
तो रंगे हैं हम



स्मृति.