मोहब्बत...
उस खाली कुर्सी पर बैठे, या अपने किताब में भी देखोगी
जब मोहब्बत होगी तुम्हे भी उनसे, उन्हें अपने हर ख़्वाब में देखोगी
खाली लगेगा मन उनके बिन,यूं ही उनके बारे में सोंचोगी
तुम खुद को पागल, लोग झल्ली कहेंगे,याद करके उन्हें तुम बेवजह हंसोगी
चिलचिलाती धूप भी तब तुम्हें चैन देंगी,
दौड़ जाओगी सड़क पर दूर जो उनका सायं भी देखोगी
जब भी देखोगी आईने में, खुद को निहारती रह जाओगी,
जब खुद के अक्स में उनकी छायां देखोगी
© Rishali
जब मोहब्बत होगी तुम्हे भी उनसे, उन्हें अपने हर ख़्वाब में देखोगी
खाली लगेगा मन उनके बिन,यूं ही उनके बारे में सोंचोगी
तुम खुद को पागल, लोग झल्ली कहेंगे,याद करके उन्हें तुम बेवजह हंसोगी
चिलचिलाती धूप भी तब तुम्हें चैन देंगी,
दौड़ जाओगी सड़क पर दूर जो उनका सायं भी देखोगी
जब भी देखोगी आईने में, खुद को निहारती रह जाओगी,
जब खुद के अक्स में उनकी छायां देखोगी
© Rishali