आज का समय vs चिट्ठी का समय
अभी रेडियो मे सुना चिट्ठी का समय अलग था
तब इन्टरनेट नहीं था तब बात करने का एक मात्र माध्यम चिट्ठी होती थी
डाकिये का इंतजार रहता था
क्या लिखे ये सोचना पड़ता था बहुत फिर क्या जवाब आएगा ये सोचते थे
आज तो तुरंत जवाब आ जाता...
तब इन्टरनेट नहीं था तब बात करने का एक मात्र माध्यम चिट्ठी होती थी
डाकिये का इंतजार रहता था
क्या लिखे ये सोचना पड़ता था बहुत फिर क्या जवाब आएगा ये सोचते थे
आज तो तुरंत जवाब आ जाता...