...

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गुण
तुमने कहा–
“बस..
सब ख़त्म”

काश!
प्रेम में होता गुण–
ख़त्म होने का,

लेकिन–
'काश!' क्यों ?

'प्रेम' इसीलिए तो 'प्रेम' है
क्योंकि–
इसमें ख़त्म होने का गुण नहीं।
© Lekhak Suyash

#lekhaksuyash