...

3 views

दिल की सच्ची बातें
आओ सुनाऊँ आज कुछ अच्छी बातें
एक सीधे सादे से दिल की सच्ची बातें

थी एक जईफा़ बहुत नेक इबादत गुजा़र
अपने रब के लिये रहती थी वो बेक़रार

अफसोस बेटा बहू हुए दुनिया से रुख़सत
 एक पोता ही रह गया उसके पास फ़क़त

वक़्त भी चल रहा था अपनी तेज़ रफ़्तार
उसका पोता भी हो गया अचानक बेकार

कराया बहुत इलाज उसने अपने पोते का
सम्भाले रखा दिल भी इसने अपने पोते का

जब जवाब उसे दे दिया वहाँ हर इक तबीब ने
बताया इक हकीम का पता उसे एक हबीब ने

पहुँचा हुआ हकीम था बहुत मशहूर था
मगर उस बूढ़ी की पहुँच से बहुत दूर था

बस दिन रात रो रोके दुआ किया करती थी
मेरा रब है उम्मीद मेरी यही दम भरती थी

भूला इक दिन राहगीर मंज़िल से वास्ता
फिर बूढी के घर का दिख गया उसे रास्ता

पहुँच गया उसके घर कहा मुसाफ़िर हूँ
भटक गया...