दिल की सच्ची बातें
आओ सुनाऊँ आज कुछ अच्छी बातें
एक सीधे सादे से दिल की सच्ची बातें
थी एक जईफा़ बहुत नेक इबादत गुजा़र
अपने रब के लिये रहती थी वो बेक़रार
अफसोस बेटा बहू हुए दुनिया से रुख़सत
एक पोता ही रह गया उसके पास फ़क़त
वक़्त भी चल रहा था अपनी तेज़ रफ़्तार
उसका पोता भी हो गया अचानक बेकार
कराया बहुत इलाज उसने अपने पोते का
सम्भाले रखा दिल भी इसने अपने पोते का
जब जवाब उसे दे दिया वहाँ हर इक तबीब ने
बताया इक हकीम का पता उसे एक हबीब ने
पहुँचा हुआ हकीम था बहुत मशहूर था
मगर उस बूढ़ी की पहुँच से बहुत दूर था
बस दिन रात रो रोके दुआ किया करती थी
मेरा रब है उम्मीद मेरी यही दम भरती थी
भूला इक दिन राहगीर मंज़िल से वास्ता
फिर बूढी के घर का दिख गया उसे रास्ता
पहुँच गया उसके घर कहा मुसाफ़िर हूँ
भटक गया...
एक सीधे सादे से दिल की सच्ची बातें
थी एक जईफा़ बहुत नेक इबादत गुजा़र
अपने रब के लिये रहती थी वो बेक़रार
अफसोस बेटा बहू हुए दुनिया से रुख़सत
एक पोता ही रह गया उसके पास फ़क़त
वक़्त भी चल रहा था अपनी तेज़ रफ़्तार
उसका पोता भी हो गया अचानक बेकार
कराया बहुत इलाज उसने अपने पोते का
सम्भाले रखा दिल भी इसने अपने पोते का
जब जवाब उसे दे दिया वहाँ हर इक तबीब ने
बताया इक हकीम का पता उसे एक हबीब ने
पहुँचा हुआ हकीम था बहुत मशहूर था
मगर उस बूढ़ी की पहुँच से बहुत दूर था
बस दिन रात रो रोके दुआ किया करती थी
मेरा रब है उम्मीद मेरी यही दम भरती थी
भूला इक दिन राहगीर मंज़िल से वास्ता
फिर बूढी के घर का दिख गया उसे रास्ता
पहुँच गया उसके घर कहा मुसाफ़िर हूँ
भटक गया...