एक किस्सा जिंदगी का
हर वो जंजीरे, टूट गई,,
वो वक्त में पीछे , छुट गई ,,,,
सब गैर हुए,,अपने मालूम ,,,
वो अपनी होके,, रूठ गई ,,,,,
इस भीड़ भरी दुनिया में...
वो वक्त में पीछे , छुट गई ,,,,
सब गैर हुए,,अपने मालूम ,,,
वो अपनी होके,, रूठ गई ,,,,,
इस भीड़ भरी दुनिया में...