...

1 views

खुद से लड़ाई।
ऐसा नहीं कि तुम्हें नहीं पता, अपना बुरा-भला,
यहां खुद को समझना ही है, सबसे बड़ी कला,
बेमतलब ख्वाहिशों की खुमारी तुमने ही चढ़ाई है।
••औरों की ना सोच यहां खुद-की-खुद से लड़ाई है।।
जाने कितनी दफा तुमने खुद-ही-खुद की नहीं मानी,
बहुत दफा तुमने खुद-ही-खुद की कदर नहीं जानी,
फिजूल सोच-सोच के खुद आप दिक्कत बड़ाई है।
••औरों की ना सोच यहां खुद-की-खुद से लड़ाई है।।
जिसकी जरूरत वो काम कभी वक्त पर करना नहीं,
फिजूल काम कर-कर के मगर आह तक भरना नहीं,
तुझ पर आश्रितों ने एक भरोसे से नजर गड़ाई।
••औरों की ना सोच यहां खुद-की-खुद से लड़ाई है।।
© Dharminder Dhiman