...

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ख़ुद से तेरा होने तक
इश्क़ की तपिश हद से गुज़र गई
सर्द रातों में तेरा आना मुझे छल गई

वो तेरा मेरी सांसों से सांसे मिलना
मेरी बर्फ़ सी नादान रूह पिघल गई

वो दूध सी उजली छूने लूं तो हो मेली
मेरी काली सूनी रातों को रोशन कर गई

झील का किनारा, तेरा हो जाना हमारा
कम्बख़त रातों की नींद हराम कर गई