ज़िंदगी के रास्ते
ज़िंदगी अब उन रास्तो पर ले चल पड़ी है..
जिन रास्तो से मुकरते थे हम,
ज़िंदगी उसी भीड़ का हिस्सा बना रही है,
जिस भीड़ से डरते थे हम।
अभी भी दूर है कुछ कदम की पर लगता है ज़िंदगी दे ही देगी धक्का उसी भीड़ मे,
निकल जाएंगे या उलझ जाएंगे ये तो वक़्त बताएगा
जिन रास्तो से मुकरते थे हम,
ज़िंदगी उसी भीड़ का हिस्सा बना रही है,
जिस भीड़ से डरते थे हम।
अभी भी दूर है कुछ कदम की पर लगता है ज़िंदगी दे ही देगी धक्का उसी भीड़ मे,
निकल जाएंगे या उलझ जाएंगे ये तो वक़्त बताएगा
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