उसके इश्क की खनक....
उसके इश्क की खनक
जब से सांसों को सुनाई है
धड़कने मचल रही
जाने क्यों ये बौराई हैं
एक तुफान सा मन के
अंदर का नजारा है
और बाहर देखो जरा
हरशूं ख़ामोशी छाई है....
...प्रज्ञा
जब से सांसों को सुनाई है
धड़कने मचल रही
जाने क्यों ये बौराई हैं
एक तुफान सा मन के
अंदर का नजारा है
और बाहर देखो जरा
हरशूं ख़ामोशी छाई है....
...प्रज्ञा