...

6 views

ऐसा है वो.....
सड़क पर मुझे संभल कर चलने का इशारा किया करता है..
धूप न लगे मुझे इसलिए अक्सर मेरे सर पे मेरा दुपट्टा रख दिया करता है..

अगर दुखो की वजह पुछु कभी..तो बातो को गोल गोल घूमाता है..
अपने गमो को छुपाने के अक्सर वो बहाने बनाता है..

अपनी सारी तकलीफो को छुपाकर वो मुझे हसता है...
अगर कभी रो पडूँ तो मुझे प्यार से अक्सर वो गले लगता है...

शिकायते तो होती होंगी उसे भी मुझसे पर बताता नहीं..
कमियां मेरी कभी वो मुझे गिनाता नहीं...

झगडे को अक्सर वो हंस कर टाल देता है...
मेरी सारी गलतियों को पल में दिल से निकाल देता है...

अपने आंसू वो मुझे दिखाने से भी डरता है..
लेकिन अकेले में अक्सर वो सिसकियाँ भरता है.. .

फ़िक्र है उसे भी मेरी पर जताता नहीं...
मुझे मालूम है उसे प्यार है.. बस दिखता .. नहीं..

किसी और पर नहीं वो बस मुझ पे मरता है..
वो कहता नहीं मगर वो मुझे खोने से डरता है...