...

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किताब में बंद यादें
पंखुड़ी इक गुलाब की,
आज उस किताब में मिली,
जिसको अक्सर तुम,
मुझसे मांग ले जाया करती थी,
अपना प्यार जताने को, वापस करते वक्त,
कभी प्रेम-पत्र, कभी चॉकलेट,
कभी पेड़ के पत्तों पर लिखे तुम्हारे अल्फाज़,
तो कभी फूल गुलाब का रख दे जाया करती थी,
पंखुड़ी को देखते ही खो गए हम ख्यालों में,
कैसे हमारी छोटी-छोटी आदतें,
एक दूसरे की खुशी का कारण बन जाया करती थी!!
© 𝚂𝚑𝚒𝚋𝚋𝚞𝚞↯