कतरा- कतरा, जर्रा-जर्रा
कतरा -कतरा , जर्रा -जर्रा
टूट रहा है, बिखर रहा है
सँभालूँ कैसे ख़्वाइशों की पंखुड़ियाँ
तिनका-तिनका फिसल रहा है...
टूट रहा है, बिखर रहा है
सँभालूँ कैसे ख़्वाइशों की पंखुड़ियाँ
तिनका-तिनका फिसल रहा है...