...

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आओ मिलकर चलें
आओ मिलकर चले उन सपनों की दुनिया में
तुम मेरे सपनों संग बहना
मैं तुम्हारे सपनों की नदियाँ में
छोड़ आयेंगे वो मतलबी दुनिया
छोड़ आयेंगे वो परेशानियाँ
कुछ रंग बिखेरेंगे अपनी अपनी पसंद के
कुछ तुम चुनना उनमें से कुछ चुनूंगी मैं
फिर खेलेंगे इन रंगो संग होली
दोहरायेंगे बचपन को कुछ पल
संग खेलेंगे आंख-मिचौली
खुशियाँ तराशेंगे इक-दूजे के लिए
फिर हो कोठी या हो खोली
गुद-गुदायेंगे इक दूजे को
साथ बैठेंगे इक कोने में
जब लंबी लगने लगी रातें
तो साथ देंगे रोने में
डटे रहेंगे इक दूजे संग
चाहे कितना भी वक्त क्यूं न हो
वक्त की सुबह होने में
आओ मिलकर चले उन सपनों की दुनिया में
तुम मेरे सपनों संग बहना
मैं तुम्हारे सपनों की नदियाँ में