...

2 views

अधिक देर होने से पहले
सुनहरे रंगीन से बदलकर गहरी धानी होती हुई
जीवन की संकीर्ण पगडंडियाँ,
बाल अधपकी अवस्था में प्रवेश कर रहे हैं,
सुर्ख चेहरे पे झाइयाँ अपना पड़ाव डाल रही हैं,
बलखाती कमर पर उम्र की माँसल यात्रा
अपनी टेक बनाए रखने को बेचैन है,
गहरे साज-श्रृंगार की जगह
हल्के और फीके रंग आईने को सुहाने लगे हैं..
जीवन के इस कठिन दौर से गुजरना
मतलब उम्र के जीवंत हिस्से को
बिना जीए डरकर भाग आना..
ऐसा ही कुछ हो रहा है अब मेरे साथ भी,,,
अब जबकि मुझे तुम्हारे साथ की जरूरत है
तब तुम मेरे साथ नहीं हो,
तुम्हारे बिना जीना जैसे बिन सांसों के जीवित देह,
लेकिन मैं अपने प्रेम के प्रति वचनबद्ध
अपने हाथों में वसंत लिए बैठी हूँ
इस इंतज़ार में कि..
पतझड़ को अधिक वक्त रोक पाना
मेरे लिए सर्वथा असंभव होगा।
बस एक बार इस ढलती जिंदगी का हाथ थामकर
इतना दिलासा दिला देना कि तुम
हर वसंत.. पतझड़ और आँधी-बरसात में
मुझे अपराजिता की तरह रखोगे..
बहुत अधिक देर होने से पहले...!

-सीमा शर्मा 'असीम'
#love
#heartbroken


© ©सीमा शर्मा 'असीम'