...

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जाने दो
#जाने-दो..!
जाने दो जो चला गया,
मृगछालों से जो ठगा गया।
बेवक्त जो वक्ता बना गया,
मत पूछो कब और कहा गया ।
न रहे बात ये हम साया,
खेल निराला है ' माया'।


जाने वाला न आएगा,
धरा पे कहीं खो जाएगा।
चिंता करके क्या पायेगा ,
बिन बात माथा खपाएगा।

जाने दो,रहने दो,
इतनी फिकर छोड़ो;
लोग कहे जो कुछ,
उन्हे बस कहने दो।

दिन हो चाहे रात रहे ,
दुनिया हमारी आबाद रहे।
हम मस्त रहे,
दुनियां हमारी मदमस्त रहें।


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