...

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दर्द--बेइंतहा..😑😭
हर इक दिन मुसीबत में हूँ, ज़िंदा हूँ यही ग़नीमत में हूँ।..😑

हर शख़्स हुआ दूर मुझसे, अब रातदिन खलवत में हूँ।..😭

किसी को कैसे पुकारूँ मैं, इस क़दर की दहशत में हूँ।..🤐

प्यार, यार, मुक़द्दर नाराज़ हैं, अटका ऐसी फ़ज़ीहत में हूँ।..😖

मोहोब्बत के आसार नही, यूँ तन्हाई की फुरकत में हूँ।..😔

किसे कहूँ मेरा हो जाए वो, मैं ख़ुदही मेरी क़ुरबत में हूँ..dead life 😞😭