यह नदी नही...
यह नदी नही, उसकी कोई कछार है।
दूर वहां सुंदर यह मुड़ती
धन खेतों के बीच सिकुड़ती
दूर निकल फिर धारा बनती
मेरे जीवन को यह सनती
यह नदी...
दूर वहां सुंदर यह मुड़ती
धन खेतों के बीच सिकुड़ती
दूर निकल फिर धारा बनती
मेरे जीवन को यह सनती
यह नदी...