शांग्री'ला
तुम बुद्ध हो..
केवल्य तुम्हारा प्रेम
प्रेम में
बुद्ध होकर प्रेमी
लुंबिनी से तो चल पड़ें हैं
मगर
शांग्री'ला तक नहीं पहुंच पाए..
क्योंकि
प्रेम एकाकार चाहता है
बुद्ध का शिव से
गया का कैलाश से..
तुम...
केवल्य तुम्हारा प्रेम
प्रेम में
बुद्ध होकर प्रेमी
लुंबिनी से तो चल पड़ें हैं
मगर
शांग्री'ला तक नहीं पहुंच पाए..
क्योंकि
प्रेम एकाकार चाहता है
बुद्ध का शिव से
गया का कैलाश से..
तुम...