कुछ बन जाना तेरा
कुछ बन जाना तेरा
सब मिट जाना तेरा
तेरी अस्मत तेरे हाथों
क्यों मर जाना तेरा
बोल बोल के दुनिया सारी
क्या तुझको मिटाएंगी
झुकना होगा इनको इक दिन
जब शोहरतें तेरी आएंगी
मर्ज जो भी तुझको लगेगा
दवा तुझको करना पड़ेगा
भीड़ से होकर अलग तुझको
तन्हा शेर-दिल चलना पड़ेगा
जुबां इनकी चलतीं ज्यादा
जब हारे हैं हम सफ़र...
सब मिट जाना तेरा
तेरी अस्मत तेरे हाथों
क्यों मर जाना तेरा
बोल बोल के दुनिया सारी
क्या तुझको मिटाएंगी
झुकना होगा इनको इक दिन
जब शोहरतें तेरी आएंगी
मर्ज जो भी तुझको लगेगा
दवा तुझको करना पड़ेगा
भीड़ से होकर अलग तुझको
तन्हा शेर-दिल चलना पड़ेगा
जुबां इनकी चलतीं ज्यादा
जब हारे हैं हम सफ़र...