...

15 views

"ये आँखें बोलती हैं"
"सुना एक अंधे फ़कीर को आते-जाते,
जो कहता था गाते-गाते,
ये आँखें बोलती हैं,

किसी की भूरी, दिखती किसी की नीली,
तो कोई सुरमई-सी लगती हैं,
ये आँखें बोलती हैं,

मुहब्बत भरी आँखों से, ख़ामोश अल्फाज़ो में,
सबकुछ ये कह जाती हैं,
ये आँखें बोलती हैं,

दिल की गहराईयों से, मुहब्बत के एहसासों को,
चेहरों तक ले आती हैं,
ये आँखें बोलती हैं,

झुककर हया बनी कभी, तो उठकर अदा हुई,
दिवानी सनम की लगती हैं,
ये आँखें बोलती हैं,

टूटे दिल को छुपा सके न, दर्द-ए-दिल को दबा सके न,
झटसे ये भर आती हैं,
ये आँखें बोलती हैं,

खूबसूरती इन्हीं से है, रोशन दुनिया इन्हीं से,
ख़ैर मनाइए इनकी, जो सबको जोड़ती हैं,
ये आँखें बोलती हैं,"


ASHOK HARENDRA
© into.the.imagination