...

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आहूत कर दे तू
जतन से बोलना
संभल कर चलना
भय से सकुचाना और
स्त्री होने का फ़र्ज़ निभाना,
अपनी आकांक्षाओं को
तह कर- कर के करीने से
छुपा कर रखना, सबकी माँग
पूर्ति करने की दौड़-भाग ,
फिर भी तानों और सदमों के
नुकीले तीर सहना,
धसक जाने दे महल रिवाज़ों का
जिसका...