...

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चाहत
दिल तो चाहता था बहुत कुछ कहना तुम्हे,
पर तुमने नजरे झुका कर कह दिया कि "भूल जाना हमे"
दिल और आंखे शिकायत भी ना कर सके,
क्युकी अधिकार छीन कह दिया तुमने कि "याद ना आना हमे"
दूर रहने पर लगा कि सांसे थम सी रही है,
तब पता चला कि इतना जरूरी था पाना तुम्हे,
वक़्त नहीं था तुम्हारे पास ज़रा सा भी हमारे लिए,
वरना हम तो चाहते थे बहुत कुछ बताना तुम्हे,
कौन कहता है कि उस सूरत को भूल गए है हम,
आज भी दिल चाहता है बहुत चाहना तुम्हे,
चोट लगने से घाव हो गए है दिल पर,
बस इतनी सी दुआ है अब तो,
कि और ना याद आना हमे...!
© SHASHI