दहेज : एक पाप.......
दहेज एक पाप/धम॔ है जो सदियों से हमारे समाज में चला आ रहा है।
जब भी किसी के घर पर एक बेटी की शादी तय होती है तो सबसे पहले
लङके वाले दहेज कितना दोंगे, कहते हैं।
अगर लङकी वालों ने उनके उम्मीद के अनुसार
दहेज नहीं दे पायें तो वो शादी तोड़ देते हैं या फिर शादी के बाद लङकी को परेशान करते हैं।
लोग यह नहीं समझते हैं कि,
दहेज एक पाप है।
यह एक कानूनी अपराध है।
फिर भी लोग यह नहीं समझते, अपने आँखो में पट्टी बांधे हुए हैं और अभी भी लङकी वालों से
लङके वाले दहेज लेते हैं।
ना जाने किसने यह प्रथा बनाया है, जो सदियों से हमारे समाज में चला आ रहा है।
दहेज वो खौफनाक प्रथा हैं, जो एक लङकी के लिए अभिशाप हैं।
दहेज मंगाना और लेना पाप है, जुम॔ हैं,
कानूनी अपराध है।
© # Piii #
जब भी किसी के घर पर एक बेटी की शादी तय होती है तो सबसे पहले
लङके वाले दहेज कितना दोंगे, कहते हैं।
अगर लङकी वालों ने उनके उम्मीद के अनुसार
दहेज नहीं दे पायें तो वो शादी तोड़ देते हैं या फिर शादी के बाद लङकी को परेशान करते हैं।
लोग यह नहीं समझते हैं कि,
दहेज एक पाप है।
यह एक कानूनी अपराध है।
फिर भी लोग यह नहीं समझते, अपने आँखो में पट्टी बांधे हुए हैं और अभी भी लङकी वालों से
लङके वाले दहेज लेते हैं।
ना जाने किसने यह प्रथा बनाया है, जो सदियों से हमारे समाज में चला आ रहा है।
दहेज वो खौफनाक प्रथा हैं, जो एक लङकी के लिए अभिशाप हैं।
दहेज मंगाना और लेना पाप है, जुम॔ हैं,
कानूनी अपराध है।
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