...

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नींद और मैं
नींद और मैं बहुत पहले साथ
रहते थे ।
वह कहती थी जब मैं आऊँगी तुम
सब भूल जाओगे,
एक करवट यादों कि मारोगे तो
सुबह ही उठ पाओगे ।
अब मेरी और नींद की एक
दुश्मनी हो गई है,
मैं कहता हूँ तुम आओ
वह कहती है बिन तेरे जिंदगी
खुशनुमा हो गई है ।
बहुत पहले नींद और मैं
साथ रहते थे ।
मैं और वह करवटें बदल बदल
कर बातें करते थे ,
वह अपनी सुनाती थी हम अपनी
सुनते थे ।
मुझे याद है बहुत पहले नींद
और मैं साथ रहते थे ।
वह किस्से मुझे सुई धागे
वाले...