...

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ईद मुबारक
तुम्हें चांद की,
हमें तुम्हारी,
दीद मुबारक,
मिल कर गले,
कह दो,
ईद मुबारक।

ये इश्क है जनाब,
खेल अजीब है,
इसमें कोई खबर नहीं,
कौन दोस्त है,
कौन रकीब है,
कौन रखता है रंजिश,
कौन दिल के करीब है,
कौन हमसफ़र है,
कौन यहां मीत है,
कौन हार सकता है,
तुम्हारी हार में,
किसे तुमसे ज्यादा,
प्यारी अपनी जीत है,
जिसे जीतना है इश्क में,
उसे उसकी जीत मुबारक,
हमें सब कुछ हार कर भी,
जीतने की रीत मुबारक,
मिल कर गले कह दो,
ईद मुबारक।

कलमा तुम्हारी उल्फत है,
सजदा तुम्हारी चाहत है,
आंखों से ओझल हो तो,
आफ़त और कयामत है,
बस एक झलक भी,
सुकून है राहत है,
मिल जाओ इसी जनम ,
रब की बहुत इनायत है,
वरना हम हैं,
और हमारा इंतजार,
अगले जनम ही सही,
मिलने की उम्मीद मुबारक,
मिल कर गले,
कह दो,
ईद मुबारक।
- राजेश वर्मा
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