किताबें और वो ...!
कुछ चीजो को मेने रखना चाहा मेरे दिल मे कही
पर पता नही था उन्हे तो आँखो मेभी रेहना पसंद नही
एक और जो तरसतेथे पड़े पड़े धूल में कहीं
कर देता था नजर् अंदाज़ में उनको जैसे वे मेरे कुछ नहीं ।
में भूल गया तडपते होंगे वो भी इस तरह
जेसे मेरा college जाना होगयी थी एक वजह
कल वो मेरे साथ थे आज भी उनको मेरा इंतज़ार है
जैसे...