...

6 views

अनकहा प्रेम।
ना मैं राधा हुई, न मीरा सा नाम मेरा
प्रीति मेरी मुझतक ही, गुमनाम है नाम मेरा ।

बहोरी राह मैंने भी, अश्रुधार रही पानी ही
है मग्न गोकुल में वो, वहां क्या काम मेरा ।

प्रेम रोएगा, प्राण जाएंगे
किंतु क्यों कोई जानेगा ग्राम मेरा ?

कही है नहीं कभी, ना जानी उसने कभी
प्रीति मेरी मुझतक ही, गुमनाम है नाम मेरा ।

#Hindi
#Love&love
#tofn
© TofN