...

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बातें थी अधूरी
कुछ बातें थी अधूरी
जो की पूरी नहीं हो रही
तेरे मेरे बीच।

कुछ बातें शुरू करने की
कोशिश भी नहीं करी
तेरे मेरे बीच।

ना कोई बात थी जरूरी
जो की रह गई हो अधूरी
तेरे मेरे बीच।

ऐसे बैठी हूं तो सोचूं
लाखों बातें तुमसे करू
पर हो जो तुम सामने तो
कुछ और ही मैं कहूं।
ढेरों बातें हैं
फिर भी खामोशियां क्यों हैं
तेरे मेरे बीच।

तुमसे पूछा तो था
ना जाने कितनी दफा
बोलो सच तो जरा
कभी तो आके,
पर तुमने बोला
तो सिर्फ झूठ ही आके।

जब अपने ही झूठ में , फसने लगे
तो खतम ही कर दी सारी बातें,
जो की होती थी कभी
तेरे मेरे बीच।

कुछ बातें थी अधूरी
जो की पूरी नहीं हो रही
तेरे मेरे बीच।

कुछ बातें थी अधूरी
अब न रह गई जरूरी
तेरे मेरे बीच।
© Amitra