...

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माँ,, ,
दर्द सुनाने को उत्सुक है सब पर दर्द सुनने को राजी कोन है
हर कोई चालबाज है यहाँ , गैर है सब लिहाजी कोन है
हर कोई माँ बाप तो है नही जिनके गोद मे सर रख रोया जाये
PREEET अच्छा तो यही है आखों को आसूऔं से खुद ही धोया जाये
माँ के जैसे कोई माँ बने ख्याल तो यह बस ख्याल ही है
PREEET की तरह जिनके नही है माँ उनका PREEET सा हाल ही है
खैर बात है यहाँ दर्द की दिल के अन्दर जो पनपता है
बाहर तो शांत स्वभाव है अन्दर से सब तपता है
PREEET सादे से शब्द इस्तेमाल होते है शायरी मे
किसी को न समझ आये तो...