ग़ज़ल.....
क्या खूब है तेरे लबों की लाली,
थोड़ा चुरा लूँ तो नाराज़ न होना…
इसी बहाने तुझे करीब रख लूंगा,
मेरे...
थोड़ा चुरा लूँ तो नाराज़ न होना…
इसी बहाने तुझे करीब रख लूंगा,
मेरे...