...

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mahobbat (tala)
जिंदगी मे ना एक बार मोहब्बत होने के बाद जिंदगी दरवाजे पर लगे ताले की तरह हो जाती है ..... पता है क्यों??
जिस तरह ताला खोलने के लिए ताला की निर्भरता चाबी पर होती है इस प्रकार एक बार मोहब्बत होने के बाद जिंदगी का नियंत्रण और निर्भरता उसे शख्स पर हो जाता है......!

मेरी नजरों में देखा जाए तो ताले और चाबी की मोहब्बत में ताला ही वफा करता है
पता है क्यों??????

ताला एक बार लॉक होने के बाद चाबी का इंतजार करता है और बदकिस्मती से चाबी के बेवफा हो जाने पर खुद पर सैकड़ो चोट खाता है फिर भी वह आश मे रहता है अपने उसे चाबी के जो उसे शायद कभी नहीं मिलेगी....... और


ताले की वह चाबी उस साले को लॉक किया गया था उसके दूर हो जाने के बाद या को जाने के बाद उसकी जिंदगी में पत्थरों के सैकड़ो मार खाने के बाद अगर दूसरी चाबी आता भी है तो डुप्लीकेट कहा जाता है उसे लेकिन मोहब्बत तो इस चाबी से होती है ....

जिस तरह एक इंसान की जिंदगी में उसके पहली मोहब्बत ❤️❤️❤️❤️❤️❤️

© dolly jha