...

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ए ज़िंदगी ........✍️
ए ज़िंदगी तेरे दामन में
मेरे हिस्से का अब वो सुकून कहा

वो हर वख्त रहगुज़र करने वाली हंसी
वो मेरा ख्वाबों का छोटा सा घर कहा

वो मासूमियत वो बच्चपने की भूल भी ख़फ़ा है
वो बंद दवाजो को खटखटाने का
मीठा सा शोर कहा

तू हिसाब रखने लगी है अब तो
मेरी हर एक भूल का जाने क्यू .......
अब तुमको वो मेरा अल्हड़पन
वो मेरी दोस्ती का पहलाना सा हक कहा

ए जिंदगी तेरे दामन में
मेरे हिस्से का अब वो सुकून कहा

Badjubaan katib ✍️
@jazbaat